जगन्नाथ मंदिर की कहानी (Jagannath Temple Story)
जगन्नाथ मंदिर की कहानी (Jagannath Temple Story):
जगन्नाथ मंदिर ओडिशा, भारत में स्थित एक प्रसिद्ध हिंदू मंदिर है जिसे पुरी के शहर में स्थापित किया गया है। यह मंदिर विश्व के चार धामों में से एक है, जिसमें दूसरे तीन धाम रामेश्वरम, द्वारका, बद्रीनाथ के साथ सम्मिलित होते हैं।
कहानी के अनुसार, जगन्नाथ मंदिर का निर्माण महाराज इंद्रद्युम्न नामक राजा ने करवाया था। इंद्रद्युम्न राजा एक धार्मिक और भक्तिमय राजा थे, और उन्होंने भगवान विष्णु की आराधना को लेकर एक सपना देखा था। उन्हें सपने में दिखाई दिया कि भगवान विष्णु एक लकड़ी के शिला में स्थित हैं और उन्हें उस शिला को पूजा जाने का आदेश दिया गया है।
राजा इंद्रद्युम्न को इस सपने के अर्थ समझ में नहीं आया और उन्होंने अपने सभी मन्त्रियों और पुरोहितों को इस संबंध में पूछा, लेकिन उन्हें भी सपने का अर्थ समझ में नहीं आया। तब एक ब्राह्मण राजा को सलाह देने के लिए आए, जिन्होंने बताया कि वे शिला जगन्नाथ भगवान को प्रतिष्ठापित करने के लिए है।
इसके बाद, राजा इंद्रद्युम्न ने अपने राजमहल में एक विशाल मंदिर बनवाया और भगवान विष्णु को उस शिला में स्थान दिया। इस प्रकार, जगन्नाथ मंदिर का निर्माण हुआ।
जगन्नाथ मंदिर में भगवान जगन्नाथ के साथ-साथ उनके भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा की भी मूर्तियां स्थापित हैं। यहां हर साल रथ यात्रा का आयोजन होता है जिसमें भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा की मूर्तियां रथ पर चढ़ाकर पुरी नगर में लाए जाते हैं। यह रथ यात्रा लाखों भक्तों और पर्वश्रेष्ठ धार्मिक आयोजनों के साथ जुड़ी होती है।
जगन्नाथ मंदिर की कहानी हमें धार्मिकता, भक्ति, और सेवा के महत्व को सिखाती है और यह भारतीय संस्कृति और परंपरा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
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