कृष्ण जन्माष्टमी के दिन भगवान श्रीकृष्ण...
कृष्ण जन्माष्टमी के दिन भगवान श्रीकृष्ण के जीवन के महत्वपूर्ण घटनाओं का पुनरागमन किया जाता है। इस दिन लोग मंदिरों में जाकर पूजा, आराधना और भजन-कीर्तन करते हैं। कृष्ण भगवान की मूर्तियों को सजाकर उनके बचपन के चरणों में मित्रों के साथ खेलने की प्रतिमा करते हैं। इसके बाद मूर्तियों को तोड़कर दही-हांडी बनाई जाती है, और गोपियाँ कृष्ण के साथ मिलकर दही को चुराने का प्रयास करती हैं। इसे "दही हांडी तोड़ना" कहा जाता है। विभिन्न स्थानों पर रासलीला और कृष्णलीला के प्रस्तुतिकरण भी होते हैं, जिनमें भगवान कृष्ण के लीलाओं का पुनरागमन किया जाता है।
कृष्ण जन्माष्टमी के दिन व्रत और उपवास का पालन किया जाता है, और खास भोजन प्रसाद के रूप में प्रस्तुत किया जाता है। इस दिन लोग एक बार जन्म लेने वाले भगवान की आराधना और भक्ति करते हैं।
यह त्योहार भारत के विभिन्न हिस्सों में उल्लास से मनाया जाता है, और विशेष रूप से मथुरा और वृन्दावन में इसे धूमधाम से मनाया जाता है, क्योंकि इन स्थलों पर भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था।
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