डोला पूर्णिमा (Dola Purnima) एक प्रमुख हिंदू त्योहार है

 


डोला पूर्णिमा (Dola Purnima) एक प्रमुख हिंदू त्योहार है जो भारतीय राज्य ओडिशा में मनाया जाता है। यह त्योहार फाल्गुन मास के पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है, जो करीब फरवरी या मार्च के महीने में पड़ता है।

डोला पूर्णिमा को श्रीकृष्ण और राधा के भक्तों के लिए खास रूप से महत्वपूर्ण माना जाता है। यह त्योहार अन्य हिंदू त्योहारों की तरह बहुत धूमधाम से मनाया जाता है, जिसमें प्रधानतः डोला यात्रा (Dola Yatra) का आयोजन होता है।

इस यात्रा में, मूर्ति या प्रतिमा रूपी श्रीकृष्ण और राधा को विशेष अलंकरण के साथ निकासी करके विशेष धूप, दीप, फूल, बेल पत्र, और वस्त्रों से सजाकर पलकी या डोला में बिठाया जाता है। फिर इस पलकी को गाँव के चारों ओर भ्रमण कराकर रसिया गाने, नृत्य, और भक्ति भाव से श्रीकृष्ण और राधा का आगमन किया जाता है। यह भक्तिभाव से संबंधित पर्व है, जिसमें लोग अपने मन को श्रीकृष्ण की लीलाओं और प्रेम भावना में लीन करते हैं।

इसके अलावा, डोला पूर्णिमा में खिलते फूल, विशेषतः टाली पाखंडी फूल, जो केवल ओडिशा में पाए जाते हैं, त्योहार की रंगबिरंगी चित्रा बनाने में भी उपयोग किए जाते हैं।

इस प्रकार, डोला पूर्णिमा ओडिशा में धार्मिक और सांस्कृतिक उत्सव के रूप में धूमधाम से मनाया जाता है, जो भक्तों को श्रीकृष्ण और राधा के प्रेम भाव के साथ जोड़ता है।

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